Description:गत 50 वर्षों में लेखन की विभिन्न विधाओं में यथा कविता, ग़ज़ल, हास्य रचनाएँ [गद्य एवं पद्य] यदा-कदा लिखता रहा। वर्ष 1969 में प्रतिष्ठित पत्रिका धर्मयुग में पहली हास्य रचना [इस संकलन की प्रथम रचना] के प्रकाशन के बाद यदा-कदा रचनाओं का प्रकाशन विभिन्न पत्रिकाओं एवं स्थानीय समाचार पत्रों से होता हुआ वर्ष 1992 में ख़त आषाढ़ के प्रकाशन तक पहुँचा जो मेरी कुछ कविताओं और ग़ज़लों का प्रथम मुद्रित संकलन था। इस पुस्तक में हास्य-व्यंग्य की एक भी रचना नहीं थी। इसका कारण था हास्य-व्यंग्य की रचनाओं की एक डायरी का लापता होना जो किसी मित्र की विशेष अनुकम्पा की भेंट चढ़ गई। फलस्वरूप, हास्य रचनाओं का प्रथम मुद्रित संकलन वर्ष 1999 में तब सामने आया जब विषयानुकूल और विधानुकूल रचनाओं की अलग-अलग सम्पूर्ण प्रस्तुति का विचार मन में आया।था वर्ष 1999 में कुएँ में भाँग हास्य-व्यंग्य रचनाओं के संकलन के रूप में तैयार हुआ थागत 50 वर्षों में लेखन की विभिन्न विधाओं में यथा कविता, ग़ज़ल, हास्य रचनाएँ [गद्य एवं पद्य] यदा-कदा लिखता रहा। वर्ष 1969 में प्रतिष्ठित पत्रिका धर्मयुग में पहली हास्य रचना [इस संकलन की प्रथम रचना] के प्रकाशन के बाद यदा-कदा रचनाओं का प्रकाशन विभिन्न पत्रिकाओं एवं स्थानीय समाचार पत्रों से होता हुआ वर्ष 1992 में ख़त आषाढ़ के प्रकाशन तक पहुँचा जो मेरी कुछ कविताओं और ग़ज़लों का प्रथम मुद्रित संकलन था। इस पुस्तक में हास्य-व्यंग्य की एक भी रचना नहीं थी। इसका कारण था हास्य-व्यंग्य की रचनाओं की एक डायरी का लापता होना जो किसी मित्र की विशेष अनुकम्पा की भेंट चढ़ गई। फलस्वरूप, हास्य रचनाओं का प्रथम मुद्रित संकलन वर्ष 1999 में तब सामने आया जब विषयानुकूल और विधानुकूल रचनाओं की अलग-अलग सम्पूर्ण प्रस्तुति का विचार मन में आया। वर्ष 1999 में अनाहूत, बबूलों के तले और कुएँ में भाँग क्रमशः सम्पूर्ण कविता संग्रह, ग़ज़ल संग्रह और हास्य-व्यंग्य रचनाओं के संकलन के रूप में तैयार हुए।आज लगभग 20 वर्षों के बाद इन तीनों पुस्तकों और ख़त आषाढ़ के की प्रतियाँ अनुपलब्ध हैं। दूसरी ओर इन 20 वर्षों के दौरान नई रचनाओं का सृजन भी होता रहा। इसी बीच ई-बुक्स का दौर भी आ गया। ई-बुक्स के रूप में नई रचनाओं को मिलाकर स्वप्रकाशित करने के विचार का परिणाम है यह प्रकाशन।आज लगभग 20 वर्षों के बाद इसकी प्रतियाँ अनुपलब्ध हैं। दूसरी ओर इन 20 वर्षों के दौरान नई रचनाओं का सृजन भी होता रहा। इसी बीच ई-बुक्स का दौर भी आ गया। ई-बुक्स के रूप में नई रचनाओं को मिलाकर स्वप्रकाशित करने के विचार का परिणाम है यह प्रकाशन।We have made it easy for you to find a PDF Ebooks without any digging. And by having access to our ebooks online or by storing it on your computer, you have convenient answers with Kuain Mein Bhang : Hasya Rachnayen. To get started finding Kuain Mein Bhang : Hasya Rachnayen, you are right to find our website which has a comprehensive collection of manuals listed. Our library is the biggest of these that have literally hundreds of thousands of different products represented.
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