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Jai Ganga

Radhakant Bharati
4.9/5 (18684 ratings)
Description:भारतीय उपमहाद्वीप की महत्त्वपूर्ण नदी का नाम हैं-गंगा, जो हिमालय से बैंगलादेश तक 2,525 किमी. की यात्रा तय करती हैं। अपने विशाल प्रवाह क्षेत्र में पूरब की दिशा में बहती इसको धारा फरक्का के निकट दक्षिण की दिशा में मुड़कर दो शाखाओं में बँट जाती है। यह नदी भारत में भागीरथी, अलकनंदा, गंगा तथा हुगली नाम से पुकारी जाती हैं।गंगा को मूलधारा भागीरथी का उद्गम पवित्र गंगोत्री नामक हिमनद से हुआ हैं। भागीरथी अपने उद्गम स्थल से निकलकर 35 किमी. तक पश्चिम की ओर प्रवाहित होती हुई दक्षिण की ओर मुड़ जाती हैं। इसकी मुख्य सहायिका अलकनंदा है, जो देवप्रयाग में इससे मिलती है।देवप्रयाग से ही अलकनंदा और भागीरथी के सम्मिलित जलप्रवाह का नाम गंगा हो जाता हैं। विशाल हिमालय की श्रृंखला को लक्ष्मण झूला के पास छोड़कर यह हरिद्वार नामक तीर्थ से मैदानी भाग में प्रवेश करती हैं।भारतीयों के लिए इस पवित्र नदी का न केवल सांस्कृतिक और धार्मिक महत्त्व हैं, अपितु यह जीवन के विविध पक्षों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।गंगा के सभी आयामों पर विहंगम प्रकाश डालनेवालो पठनीय पुस्तक।We have made it easy for you to find a PDF Ebooks without any digging. And by having access to our ebooks online or by storing it on your computer, you have convenient answers with Jai Ganga. To get started finding Jai Ganga, you are right to find our website which has a comprehensive collection of manuals listed.
Our library is the biggest of these that have literally hundreds of thousands of different products represented.
Pages
130
Format
PDF, EPUB & Kindle Edition
Publisher
Prabhat Prakashan
Release
2019
ISBN
9384344974

Jai Ganga

Radhakant Bharati
4.4/5 (1290744 ratings)
Description: भारतीय उपमहाद्वीप की महत्त्वपूर्ण नदी का नाम हैं-गंगा, जो हिमालय से बैंगलादेश तक 2,525 किमी. की यात्रा तय करती हैं। अपने विशाल प्रवाह क्षेत्र में पूरब की दिशा में बहती इसको धारा फरक्का के निकट दक्षिण की दिशा में मुड़कर दो शाखाओं में बँट जाती है। यह नदी भारत में भागीरथी, अलकनंदा, गंगा तथा हुगली नाम से पुकारी जाती हैं।गंगा को मूलधारा भागीरथी का उद्गम पवित्र गंगोत्री नामक हिमनद से हुआ हैं। भागीरथी अपने उद्गम स्थल से निकलकर 35 किमी. तक पश्चिम की ओर प्रवाहित होती हुई दक्षिण की ओर मुड़ जाती हैं। इसकी मुख्य सहायिका अलकनंदा है, जो देवप्रयाग में इससे मिलती है।देवप्रयाग से ही अलकनंदा और भागीरथी के सम्मिलित जलप्रवाह का नाम गंगा हो जाता हैं। विशाल हिमालय की श्रृंखला को लक्ष्मण झूला के पास छोड़कर यह हरिद्वार नामक तीर्थ से मैदानी भाग में प्रवेश करती हैं।भारतीयों के लिए इस पवित्र नदी का न केवल सांस्कृतिक और धार्मिक महत्त्व हैं, अपितु यह जीवन के विविध पक्षों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।गंगा के सभी आयामों पर विहंगम प्रकाश डालनेवालो पठनीय पुस्तक।We have made it easy for you to find a PDF Ebooks without any digging. And by having access to our ebooks online or by storing it on your computer, you have convenient answers with Jai Ganga. To get started finding Jai Ganga, you are right to find our website which has a comprehensive collection of manuals listed.
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Pages
130
Format
PDF, EPUB & Kindle Edition
Publisher
Prabhat Prakashan
Release
2019
ISBN
9384344974
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