Description:जैसा कि आप "शोर... अंतर्मन का कोलाहल" में पढ़ चुके हैं कि यह कहानी अँधेरे से शुरू हुई थी और रौशनी की एक किरण के बाद अँधेरे में जा ठहरी। ज़िंदगी में ठहराव जरूरी होते हैं लेकिन वो ठहराव खतरनाक मोड़ ले लेते हैं जहाँ से आगे बढ़ने की वजह नज़र न आए। ज़िंदगी में जब चुनने के लिये कुछ न बचे तो नतीजा मौत के रूप में सामने आता है।यह किसी एक की कहानी नहीं है बल्कि इसके सभी किरदार चुनाव के लिए भटक रहे हैं। इस परिस्थिति में अगर चुनाव को जीने की उम्मीद कहा जाए, तो भी किरदारों के नजरिए से जायज है। बहुत लोग अपनी कमजोरी की वजह से कुछ नहीं करते लेकिन कुछ, सही या गलत के परिस्थितिजन्य स्वाभाव को भुलाकर, न्याय पाने का हर वो तरीका अपनाते हैं जो उन्हें सही लगता है।यहाँ कुछ खूबसूरत अहसास हैं तो दहशत का माहौल भी है। नए बनते सम्बन्ध हैं तो पुराने संबंधों में दिखती दरार भी है। खुशिओं को पाने का विश्वास है और उन्हें पाने की कीमत चुकाने की जीवटता भी है। आत्मा को बचाए रखने की कोशिश है तो आत्मा पर रखे बोझ को उतारने की बेचैनी भी है। यहाँ हत्या करने का जुनून है तो उससे बचकर निकलने की दरकार भी है।यह समाज के उस रूप-रंग की बयानी है, जिसे सब देखते तो रोज़ हैं लेकिन आवाज़ उठाने की, विरोध करने की पहल नहीं करते।We have made it easy for you to find a PDF Ebooks without any digging. And by having access to our ebooks online or by storing it on your computer, you have convenient answers with शोर... अंतर्मन का कोलाहल [Shor... Antarman ka Kolahal] (Shor... #1). To get started finding शोर... अंतर्मन का कोलाहल [Shor... Antarman ka Kolahal] (Shor... #1), you are right to find our website which has a comprehensive collection of manuals listed. Our library is the biggest of these that have literally hundreds of thousands of different products represented.
Pages
204
Format
PDF, EPUB & Kindle Edition
Publisher
Sanmati Publishers
Release
2021
ISBN
9390539595
शोर... अंतर्मन का कोलाहल [Shor... Antarman ka Kolahal] (Shor... #1)
Description: जैसा कि आप "शोर... अंतर्मन का कोलाहल" में पढ़ चुके हैं कि यह कहानी अँधेरे से शुरू हुई थी और रौशनी की एक किरण के बाद अँधेरे में जा ठहरी। ज़िंदगी में ठहराव जरूरी होते हैं लेकिन वो ठहराव खतरनाक मोड़ ले लेते हैं जहाँ से आगे बढ़ने की वजह नज़र न आए। ज़िंदगी में जब चुनने के लिये कुछ न बचे तो नतीजा मौत के रूप में सामने आता है।यह किसी एक की कहानी नहीं है बल्कि इसके सभी किरदार चुनाव के लिए भटक रहे हैं। इस परिस्थिति में अगर चुनाव को जीने की उम्मीद कहा जाए, तो भी किरदारों के नजरिए से जायज है। बहुत लोग अपनी कमजोरी की वजह से कुछ नहीं करते लेकिन कुछ, सही या गलत के परिस्थितिजन्य स्वाभाव को भुलाकर, न्याय पाने का हर वो तरीका अपनाते हैं जो उन्हें सही लगता है।यहाँ कुछ खूबसूरत अहसास हैं तो दहशत का माहौल भी है। नए बनते सम्बन्ध हैं तो पुराने संबंधों में दिखती दरार भी है। खुशिओं को पाने का विश्वास है और उन्हें पाने की कीमत चुकाने की जीवटता भी है। आत्मा को बचाए रखने की कोशिश है तो आत्मा पर रखे बोझ को उतारने की बेचैनी भी है। यहाँ हत्या करने का जुनून है तो उससे बचकर निकलने की दरकार भी है।यह समाज के उस रूप-रंग की बयानी है, जिसे सब देखते तो रोज़ हैं लेकिन आवाज़ उठाने की, विरोध करने की पहल नहीं करते।We have made it easy for you to find a PDF Ebooks without any digging. And by having access to our ebooks online or by storing it on your computer, you have convenient answers with शोर... अंतर्मन का कोलाहल [Shor... Antarman ka Kolahal] (Shor... #1). To get started finding शोर... अंतर्मन का कोलाहल [Shor... Antarman ka Kolahal] (Shor... #1), you are right to find our website which has a comprehensive collection of manuals listed. Our library is the biggest of these that have literally hundreds of thousands of different products represented.