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धर्म (महासमर #4)

नरेंद्र कोहली, Narendra Kohli
4.9/5 (15486 ratings)
Description:प्राख्यात कथाओं का पुन:सृजन उन कथाओं का संशोधन अथवा पुनर्लेखन नहीं होता; वह उनका युग-सापेक्ष अनुकूलन मात्र भी नहीं होता। पीपल के बीज से उत्पन्न प्रत्येक वृक्ष पीपल होते हुए भी, स्वयं में एक स्वतंत्र आस्तित्व होता है; वह न किसी का अनुसरण है, न किसी का नया संस्करण ! मौलिक उपन्यास का भी यही सत्य है। मानवता के शाश्वत प्रश्नों का साक्षात्कार लेखक अपने गली-मुहल्ले, नगर-देश, समाचारपत्रों तथा समाकालीन इतिहास में आबद्ध होकर भी करता है; और मानव सभ्यता तथा संस्कृति की संपूर्ण जातीय स्मृति के सम्मुख बैठकर भी। पौराणिक उपन्यास कार के ‘प्राचीन’ में घिरकर प्रगति के प्रति अंधे हो जाने की संभावना उतनी ही घातक है, जितनी समकालीन लेखक की समसामयिक पत्रकारिता में बंदी हो एक खंड-सत्य को पूर्ण सत्य मानने की मूढ़ता। सृजक साहित्यकार का सत्य अपने काल-खंड का अंग होते हुए भी, खंडों के अतिक्रमण का लक्ष्य लेकर चलता है नरेन्द्र कोहली का नया उपन्यास है ‘महासमर’। घटनाएँ तथा पात्र महाभारत से संबद्ध हैं; किंतु यह कृति एक उपन्यास है- आज के एक लेखन का मौलिकWe have made it easy for you to find a PDF Ebooks without any digging. And by having access to our ebooks online or by storing it on your computer, you have convenient answers with धर्म (महासमर #4). To get started finding धर्म (महासमर #4), you are right to find our website which has a comprehensive collection of manuals listed.
Our library is the biggest of these that have literally hundreds of thousands of different products represented.
Pages
Format
PDF, EPUB & Kindle Edition
Publisher
Vaani Prakashan
Release
ISBN
8170553008

धर्म (महासमर #4)

नरेंद्र कोहली, Narendra Kohli
4.4/5 (1290744 ratings)
Description: प्राख्यात कथाओं का पुन:सृजन उन कथाओं का संशोधन अथवा पुनर्लेखन नहीं होता; वह उनका युग-सापेक्ष अनुकूलन मात्र भी नहीं होता। पीपल के बीज से उत्पन्न प्रत्येक वृक्ष पीपल होते हुए भी, स्वयं में एक स्वतंत्र आस्तित्व होता है; वह न किसी का अनुसरण है, न किसी का नया संस्करण ! मौलिक उपन्यास का भी यही सत्य है। मानवता के शाश्वत प्रश्नों का साक्षात्कार लेखक अपने गली-मुहल्ले, नगर-देश, समाचारपत्रों तथा समाकालीन इतिहास में आबद्ध होकर भी करता है; और मानव सभ्यता तथा संस्कृति की संपूर्ण जातीय स्मृति के सम्मुख बैठकर भी। पौराणिक उपन्यास कार के ‘प्राचीन’ में घिरकर प्रगति के प्रति अंधे हो जाने की संभावना उतनी ही घातक है, जितनी समकालीन लेखक की समसामयिक पत्रकारिता में बंदी हो एक खंड-सत्य को पूर्ण सत्य मानने की मूढ़ता। सृजक साहित्यकार का सत्य अपने काल-खंड का अंग होते हुए भी, खंडों के अतिक्रमण का लक्ष्य लेकर चलता है नरेन्द्र कोहली का नया उपन्यास है ‘महासमर’। घटनाएँ तथा पात्र महाभारत से संबद्ध हैं; किंतु यह कृति एक उपन्यास है- आज के एक लेखन का मौलिकWe have made it easy for you to find a PDF Ebooks without any digging. And by having access to our ebooks online or by storing it on your computer, you have convenient answers with धर्म (महासमर #4). To get started finding धर्म (महासमर #4), you are right to find our website which has a comprehensive collection of manuals listed.
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Pages
Format
PDF, EPUB & Kindle Edition
Publisher
Vaani Prakashan
Release
ISBN
8170553008
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