Description:इस खंड में द्यूत में हारने के पश्चात् पांडवों के वनवास की कथा है । कुंती, पाण्डु के साथ शत-श्रृंग पर वनवास करने गई थी । लाक्षागृह के जलने पर, वह अपने पुत्रों के साथ हिडिम्ब वन में भी रही थी । महाभारत की कथा के अंतिम चरण में, उसने धृतराष्ट्र, गांधारी तथा विदुर के साथ भी वनवास किया था । किन्तु अपने पुत्रों के विकट कष्ट के इन दिनों में वह उनके साथ वन में नहीं गयी । वह न द्वारका गयी, न भोजपुर । वह हस्तिनापुर में विदुर के घर पर क्यों रही ? इस प्रकार अनेक प्रश्नों के उत्तर निर्दोष तर्कों के आधार पर अंतराल में प्रस्तुत किये हैं ।We have made it easy for you to find a PDF Ebooks without any digging. And by having access to our ebooks online or by storing it on your computer, you have convenient answers with अन्तराल (महासमर #5). To get started finding अन्तराल (महासमर #5), you are right to find our website which has a comprehensive collection of manuals listed. Our library is the biggest of these that have literally hundreds of thousands of different products represented.
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